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केन्द्र सरकार के मार्गदर्शन में सहकारी आंदोलन में आया क्रांतिकारी परिवर्तन: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन के मध्य सहकारिता अनुबंधों का हुआ आदान-प्रदान
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री शाह और मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन

भोपाल । केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि राज्यों में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां (पैक्स) के कंप्यूटराइजेशन का कार्य चल रहा है। इसमें मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। केंद्रीय मंत्री ने मध्यप्रदेश में शत-प्रतिशत उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में साढे़ 5 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है जो देश के कुल उत्पादन का 9 प्रतिशत है। प्रदेश में सुशासन का दौर चल रहा है, यह सहकारिता को जीवंत करने का स्वर्णिम अवसर है। प्रदेश के किसानों के साथ केन्द्र सरकार चट्टान की तरह खड़ी है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ मिलकर कम से कम 50 प्रतिशत गांवों तक सहकारिता और डेयरी गतिविधियों का विस्तार करना आवश्यक है। इसके लिए आवश्यक नीति निर्माण और प्लानिंग भी करना होगी। केन्द्र सरकार की ओर से वित्तीय सहयोग भी उपलब्ध कराया जाएगा। किसानों को दुग्ध उत्पादन का शत-प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करने के लिए व्यापक स्तर पर गतिविधियां संचालित करनी होंगी। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन और उसकी प्रोसेसिंग से विभिन्न उत्पाद निर्मित कर किसानों की आय बढ़ाने की ओर एनडीडीवी और राज्य सरकार एक साथ अग्रसर होंगे। यह रास्ता अभी टू-लेन है, जिसे 6 लेन में विस्तारित करना होगा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री शाह रविवार को भोपाल के रविन्द्र भवन में राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन के मध्य अनुबंधों का आदान प्रदान हुआ।
केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा है कि देश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता के क्षेत्र में कार्य करने की अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साढे़ तीन साल में सहकारिता क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। पैक्स के सशक्तिकरण, डेयरी क्षेत्र को प्रोत्साहन, उत्पादन के क्षेत्र में सहकारिता, गतिविधियों के विस्तार, नगरीय सहकारी बैंक, जिला सहकारी बैंक और ग्रामीण बैंकों के सुचारू संचालन की व्यवस्था की ओर विशेष ध्यान दिया गया। केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने गठन के बाद सबसे पहले प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों के लिए मॉडल बायलॉज विकसित कर उन्हें राज्यों के साथ साझा किया। यह प्रसन्नता का विषय है कि संपूर्ण भारत में यह बायलॉज को लागू किया जा चुका है। केंद्रीय मंत्री शाह ने मॉडल बायलॉज को अपनाने के लिए सभी राज्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस कदम से सहकारिता आंदोलन को नया जीवन प्राप्त हुआ है। सहकारी समितियां अब पेट्रोल पम्प व गैस एजेंसी संचालन, रेल्वे टिकट बुकिंग, बिल जमा करने जैसी गतिविधियां भी संचालित कर रही हैं। एक समय था जब पैक्स केवल कम अवधि के लिए कृषि ऋण उपलब्ध कराते थे जिसमें उन्हें केवल आधा प्रतिशत लाभ होता था। वर्तमान में पैक्स 30 से अधिक गतिविधियों में संलग्न है इससे उनकी आय भी बढ़ रही है।
केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा है कि देश के विभिन्न राज्यों में सहकारिता आंदोलन धीरे-धीरे मृत प्रायः होता जा रहा था। पूरे देश में सहकारिता आंदोलन का परिदृश्य भिन्न-भिन्न था। छ: राज्यों में सहकारिता आंदोलन गति पर पकड़ चुका है, कुछ जगह इसका सरकारीकरण हुआ, परंतु कुछ जगह इसे नुकसान भी हुआ ।
केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि प्राथमिक कृषि सहकारी साख समिति और डेयरी व मछुआरा गतिविधियों को जोड़कर एम-पैक्स बनाने का कार्य नए बायलॉज द्वारा संभव हो सका। इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा 2500 करोड़ की राशि से सभी पैक्स का कंप्यूटराइजेशन किया गया। अब पैक्स, जिला सहकारी बैंक, राज्य व सहकारी बैंक के साथ-साथ नाबार्ड से भी जुड़े हैं। इसके साथ ही इनके ऑनलाइन ऑडिट की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। किसानों की सुविधा के लिए स्थानीय भाषा में कार्य के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया गया।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री प्रबंधन में पारस की तरह
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह के कुशल प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि वे पारस की तरह हैं, उनके पास जो विभाग आ जाए वह सोना हो जाता है। उनकी उपस्थिति में हो रहे अनुबंध से प्रदेश में नई संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं। सहकारिता के क्षेत्र में अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। बहुउद्देशीय समितियों के माध्यम से प्रदेश में भी सहकारिता की गतिविधियों को बढ़ाया जा रहा है। सर्वहारा वर्ग के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने अनेकों महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। अब सहकारी समितियों से पेट्रोल पंप, दवाई की दुकान व अन्य गतिविधियां संचालित होंगी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में फैक्ट्रियों को भी सहकारिता से चलाने के लिए अनुबंध हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि दुग्ध उत्पादन हर घर की आय में वृद्धि का प्रमाणिक स्त्रोत है। प्रदेश में गौ-पालन और दुग्घ उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। गौ-पालन पर अनुदान की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार ने दूध उत्पादन को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा है। सरकार घर-घर गोकुल बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। किसानों की जिंदगी बेहतर करने के लिए सरकार गाय का दूध खरीदेगी। प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्रीय मंत्री शाह के मार्गदर्शन में किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ प्रतिबद्ध है। वृहद स्तर पर एमओयू होने से आज बड़ी संभावनाओं का द्वार खुले है।

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