स्पेशल टीम का गठन किया
मुंबई। बीती रात पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की खुलेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। तीन आरोपियों में से पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ लिया। गिरफ्तार आरोपियों ने दावा किया है कि वे सभी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के हैं। हालांकि पुलिस इस दावे पर भरोसा नहीं कर रही है और हर एंगल से अपनी जांच में जुटी हुई है। इसके लिए स्पेशल टीम का गठन किया गया है। साथ ही, लॉरेंस बिश्नोई गैंग की ओर से भी अभी तक इस हत्याकांड की जिम्मेदारी नहीं ली गई है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। सिद्दीकी केस ने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। बाबा सिद्दीकी अजित पवार के गुट वाले एनसीपी के बड़े नेता थे। साथ ही, बांद्रा ईस्ट से वह तीन बार विधायक रहे।
पुलिस को संदेह है कि कोई और व्यक्ति हमलावरों को बाबा सिद्दीकी की लोकेशन के बारे में जानकारी दे रहा था। सूत्रों के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में कुछ और भी खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा कि वे बीते एक महीने से बांद्रा ईस्ट में शूटिंग स्पॉट को लेकर रेकी कर रहे थे। क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों ने यह भी बताया कि तीनों आरोपी ऑटोरिक्शा में बैठकर घटनास्थल पर पहुंचे। यहां उन्होंने सिद्दीकी के ऑफिस से बाहर निकलने का इंतजार किया और फिर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। पुलिस फिलहाल 2 एंगल से इस हत्याकांड की जांच कर रही है। पहला तो यह कि इसके बीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ हो सकता है और दूसरा व्यापार से जुड़ा कोई विवाद होने का संदेह है।
बाबा सिद्दीकी को शनिवार को मुंबई के बांद्रा इलाके में गोली मारी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीपी लीडर के ऊपर 6 बुलेट्स उस वक्त दागी गईं जब वे अपने बेटे के ऑफिस से निकल रहे थे। गोलियां सिद्दीकी के पेट और सीने में लगीं जिससे उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस को संदेह है कि यह कॉन्ट्रैक्ट कीलिंग का मामला है। आगे की जांच के लिए स्पेशल टीम का गठन कर दिया गया है। दशहरा के मौके पर होने वाली गोलीबारी के पीछे 3 संदिग्ध थे जिनमें से 2 को गिरफ्तार कर लिया गया है। करनैल सिंह नाम का आरोपी हरियाणा और धर्मराज कश्यप यूपी का रहने वाला है। तीसरा आरोपी अभी तक फरार है।