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नितिन गडकरी और शशि थरुर ने की छत्रपति शिवाजी के मूल्यों की तारीफ
मुंबई। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को 100 फीसदी सेकुलर बताया है। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को मानने वाले शासक थे। शिवाजी पर एक पुस्तक का विमोचन करते हुए गडकरी ने कहा कि भारतीयों के दिल में उनका एक खास स्थान है। उन्होंने कहा कि वह मेरे और मेरे माता-पिता के लिए भी खास स्थान रखते हैं। उन्होंने कहा कि आज सेकुलर शब्द बहुत ज्यादा प्रचलन में है, लेकिन इंग्लिश डिक्शनरी में जो सेकुलर शब्द है, उसका अर्थ पंथनिरपेक्षता से नहीं है। उन्होंने कहा कि सेकुलर का अर्थ है कि सभी पंथों का एक समान सम्मान हो। सेकुलर का यही अर्थ है। शिवाजी महाराज ने अपना जीवन लोक कल्याण को समर्पित किया और सेकुलर मूल्यों के साथ काम करते रहे।
महाराष्ट्र सदन में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि शिवाजी महाराजने अपनी जिंदगी में कई युद्ध लड़े, लेकिन उन्होंने कभी किसी मस्जिद पर हमला नहीं किया। उन्होंने हमेशा महिलाओं का सम्मान किया। वह जनता के प्रति समर्पित शासक थे। उनका प्रशासन सख्त था और जनता के लिए हितैषी था। गडकरी ने प्रतापगढ़ की लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि यह लड़ाई 10 नवंबर, 1659 में हुई थी। उन्होंने कहा कि यह युद्ध शिवाजी महाराज और बीजापुर के सैनिकों के बीच हुआ था, जिनका नेतृत्व मुसलमान अफजल खान कर रहे थे। अफजल खान जब जंग में शहीद हो गए तो शिवाजी ने अपने सैनिकों को आदेश दिया कि अफजल खान को पूरे सम्मान के साथ प्रतापगढ़ किले में ही दफनाया जाए। उन्होंने जिन सैनिकों को आदेश दिया था, वह मुस्लिम समुदाय के ही थे और उनकी सेना का सालों से हिस्सा थे और उनके साथ कई लड़ाईयां लड़ी थीं।
इस मौके पर कांग्रेस के सांसद शशि थरूर भी मौजूद थे। थरुर ने कहा कि मुझे खुशी है कि नितिन गडकरी ने शिवाजी महाराज के सेकुलर मूल्यों की बात की। शिवाजी के प्रशंसक भी उनकी इस खूबी की बात कम करते हैं। थरूर ने कहा कि शिवाजी महाराज ने बहुत सी लड़ाइयां लड़ीं। फिर भी वह सेकुलर मूल्यों पर कायम रहे। उन्होंने अपने सैनिकों को सख्त निर्देश दिया था कि यदि उन्हें कभी इस्लाम की पवित्र किताब कुरआन मिले तो उसे सम्मान से अपने पास रखें और उसकी इज्जत करें, जब तक कि कोई मुस्लिम उन्हें न मिले। उन्होंने कहा कि ऐसे ही शिवाजी के मूल्य थे। हम सभी लोग जानते हैं कि महाराज शिवाजी महिलाओं का कितना सम्मान करते थे। उनकी सेना में हर जाति और समुदाय के लोग थे। दलित से लेकर ब्राह्मण तक और हिंदू से लेकर मुसलमान तक हर समुदाय उनकी सेना का हिस्सा थे।
गडकरी ने कहा कि मुझे भरोसा है कि दुनिया अब समझेगी कि शिवाजी महाराज के मूल्य कैसे थे। उन्हें मुगल शासन काल के दौरान लिखे इतिहास और अंग्रेजी शासन में लिखी किताबों के जरिए से ढंग से नहीं समझा जा सकता। उन्होंने कहा कि उनके साथ कई इतिहासकारों ने अन्याय किया है और उन्हें लुटेरा तक लिखा है। मैं कहता हूं कि वह शानदार शासक थे और सभी की चिंता करते थे। उनका गवर्नेंस सिस्टम ऐसा था कि आज भी मिसाल है। थरूर ने कहा कि शिवाजी का हिंदुत्व भी वही था, जिसे बाद में बाल गंगाधर तिलक ने आगे बढ़ाया।

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