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छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की मौत भी इसी डॉक्टर की लापरवाही से हुई थी

(अनुराग हजारी)

दमोह !  शहर के मिशन अस्पताल में साथ हार्ट पेशेंट की ऑपरेशन के बाद मौत से सुर्खियों में आए भगोड़े डॉक्टर ऐन जॉन केम को पुलिस ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से गिरफ्तार कर लिया है एसपी दमोह श्री श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है उन्होंने बताया कि प्रयागराज के अलावा भी कई जगह पुलिस टीम तलाशी के लिए भेजी गई थी उसे जल्द ही शहर लाया जा रहा है इसके पहले आरोपी डॉक्टर नरेंद्र यादव उर्फ ऐन जॉन केम के खिलाफ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीएमएचओ मुकेश जैन ने कोतवाली में रविवार की देर रात एफ़आईआर दर्ज थी इसमें दो अन्य को भी आरोपी बनाया गया था ! भगोड़े डॉक्टर पर आरोप था कि उसने फर्जी डिग्री के आधार पर न सिर्फ मिशन अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहा था बल्कि उसके द्वारा किए गए ऑपरेशनों के बाद सात लोगों की कथित तौर पर मौत भी हुई थी वहीं सोमवार को ही शहर पहुंची मानव अधिकार आयोग की टीम भी मिशन अस्पताल पहुंची थी इस टीम में रिंकल कुमार , राजेंद्र सिंह व ब्रजवीर कुमार शामिल थे टीम के सामने दो लोग बयान देने पहुंचे थे जिनमें रईसा बेगम का बेटा नवी वेग और एक शिकायतकर्ता कृष्ण पटेल के बयान हुए हैं वहीं टीम ने कलेक्टर , एसपी और सीएमएचओ से भी मामले की जानकारी ली है इसके अलावा अन्य लोगों को बयान भी मंगलवार को होंगे यह टीम मिशन अस्पताल भी पहुंची थी जहां करीब 3 घंटे तक कमरे में दस्तावेजों की जांच करती रही वहीं बताया है कि मिशन अस्पताल ने करीब 8 लाख रुपए प्रतिमाह के वेतन पर नौकरी पर रखा था !

दमोह में बड़े पैमाने पर निशुल्क ऑपरेशन जांच शिविर व मुफ्त दवाइयां के अनेक शिवरो के आयोजन और अनेक मौके पर शहर वासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने वाले शहर के सबसे बड़े निजी चिकित्सा संस्थान मिशन अस्पताल इस समय गंभीर आरोपों से घिरा है और आरोप भी मामूली नहीं बल्कि लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट के नाम पर मिशन अस्पताल में कथित फर्जी डॉक्टर बनकर करीब 15 ऑपरेशन करने और इनमें से 7 कथित रूप से हुई साथ मौतों के लिए अस्पताल प्रबंधन को दोषी ठहराया जा रहा है हालांकि कुल मौते कितनी हुई इसकी सही-सही जानकारी अभी सामने नहीं आ सकी है कहीं दो कहीं चार तो कहीं 7और 8 मौतों का दावा किया जा रहा है इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा जांच कराई जा रही है वहीं अव इस मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की एंट्री हो गई है और मानव अधिकार आयोग की एक टीम भी सोमवार को दमोह आ रही है

अस्पताल प्रबंधन पर अस्पताल पर जो आरोप है वह बेहद गंभीर है आरोप है कि मिशन अस्पताल में लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एन जोन केम के नाम पर नरेंद्र यादव नाम के फर्जी डॉक्टर ने ढाई महीने में करीब 15 हार्ट के ऑपरेशन कर डाले यह सब जनवरी 2025 से फरवरी 2025 के बीच किए गए हैं इन ऑपरेशनों में करीब 7 मरीजों की मौत हो जाने का आरोप लगाया जा रहा है और इस मामले के तूल पकड़ते ही आरोपी डॉक्टर फरार हो गया है इस पूरे मामले के लगातार पड़ रहे तूल और गंभीर आरोपों के चलते हाल फिलहाल अस्पताल प्रबंधन की मुसीबतें दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है वही कलेक्टर ने इस मामले में साफ किया है की जांच चल रही है तो अस्पताल प्रबंधक पुष्पा खरे का कहना है कि गलत आंकड़े पेश किया जा रहे हैं! फरवरी 2025 में मिशन अस्पताल में हुए हार्ट के ऑपरेशनों के बाद कुछ मरीजों की मौत के बाद इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया था इसकी शिकायत पहले सीएमएचओ और कलेक्टर को पहुंची थी बाद में इस मामले की शिकायत मानव अधिकार आयोग को भी की गई थी शिकायत में बताया गया था कि अस्पताल में जो कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एन जोन केम बताए गए हैं उनके दस्तावेज सीएमएचओ कार्यालय में वेरिफिकेशन के लिए नहीं भेजे गए थे जबकि नियम के मुताबिक 7 दिन में दस्तावेज प्रस्तुत किए जा रहे थे संबंधित कार्डियोलॉजिस्ट लंदन में है संबंधित व्यक्ति यहां पर था ही नहीं उसकी जगह नरेंद्र यादव नामक व्यक्ति अस्पताल में हार्ट के ऑपरेशन और इलाज करता रहा अस्पताल में उसकी कोई जानकारी नहीं है

वही शिकायत में यह भी बताया गया था कि मिशन अस्पताल को प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने की मान्यता मिल गई थी जिसे हार्ट स्पेशलिस्ट के नाम फर्जी व्यक्ति को कार्डियोलॉजिस्ट बात कर मरीजों का इलाज कराया जा रहा था और बिल बनाकर शासन की राशि का दुरुपयोग किया गया है ! मध्य प्रदेश भर के चिकित्सालय में अच्छे डॉक्टर की कमी है यह बात सही है लेकिन उपलब्ध डॉक्टर के आधार पर कोई फर्जी डॉक्टर इलाज कर दे और लगातार मौतें होते जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन इस मामले में सतर्कता ना बरते और जब पूरा मामला खुले और इस दौरान डॉक्टर फरार हो जाए ऐसा मामला जरूर पहले दमोह में आया है अब इस मामले के खुलने के बाद अब जिन लोगों के परिवार जनों की मौत हार्ट के ऑपरेशन के बाद मिशन अस्पताल में हुई थी उनके एक-एक कर सामने आने का सिलसिला शुरू हो गया है ग्राम भरतला पटेरा ब्लॉक के मंगल सिंह को 4 फरवरी को गैस की तकलीफ हुई तो उनका बेटा जितेंद्र सिंह उन्हें मिशन अस्पताल लेकर गया एंजियोग्राफी की गई रिपोर्ट में बताया गया कि हार्ट अटैक का ऑपरेशन करना होगा ऑपरेशन के कुछ घंटे में मौत हो गई जितेंद्र कहते हैं ऑपरेशन से पहले और बाद में डॉक्टर नहीं मिले एक 8000 का इंजेक्शन मंगवाया गया लेकिन वह भी नहीं लगाया गया पोस्टमार्टम की बात उठाई तो डॉक्टरों ने कहा कि ऑपरेशन हो गया है क्यों शरीर की चीर फाड़ कर आओ सब ले जाओ इसके बाद डॉक्टर कर लेकर निकल गया था वही दमोह शहर के ही करके मोहल्ला निवासी रईसा बेगम को 12 जनवरी को सीने में दर्द हुआ पहले जिला अस्पताल फिर मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया इलाज के नाम पर 50000 वसूले गए रिपोर्ट में दो नसों में 90% ब्लॉकेज बताया गया 15 जनवरी को ऑपरेशन हुआ और कुछ घंटे बाद रहीसा की मौत हो गई बेटे नबी कहते हैं कि हर घंटे नई दवा मंगवाई गई ऑपरेशन वाले दिन एक के बाद एक मरीज भेजे जा रहे थे जैसे कोई प्रैक्टिस हो रही हो मौत के बाद फाइल मांगी थी लेकिन अस्पताल ने देने से इनकार कर दिया था अभी इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे

वही एक फरियादी ऐसा भी सामने आया है जिसने डॉक्टर की सलाह न मानते हुए मरीज को अस्पताल से रेफर कर लिया था इसलिए उसकी जान बच गई इस मामले में कृष्ण पटेल नामक युवक ने बताया कि उसके दादा आसाराम पटेल की 30 जनवरी 2025 को अचानक तबियत बिगड़ गई थी परिजन मिशन अस्पताल लेकर गए जांच करने पर पता चला कि दिल का दौरा पड़ा है यहां पर 50000 की राशि प्रबंधन ने जमा कर ली थी लेकिन एंजियोग्राफी रिपोर्ट और जांच का वीडियो उपलब्ध नहीं कराए ऐसे में परिजनों को संदेह हुआ और वे मरीज को डिस्चार्ज करा जबलपुर मेडिकल कॉलेज लेकर चले गए वह जहां पर इलाज के बाद मरीज पूरी तरह ठीक हो गया ना ऑपरेशन करना पड़ा लेकिन मिशन अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से एक साथ कई दवाइयां लिखी गई थी और उनके बिल लगाए गए थे! मिशन हॉस्पिटल में हार्ट के मरीजों की ऑपरेशन के दौरान डेढ़ माह में करीब 7कथित मौतों की चर्चा ज़ोर पकड़ने के बाद इसकी शिकायत 20 फरवरी को कलेक्टर दमोह के पास की गई थी कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल आदेश करते हुए सीएमएचओ को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया था और सीएमएचओ ने 7 मार्च तक जांच करके प्रतिवेदन भी कलेक्टर कार्यालय को भेज दिया था जिस पर कोई कार्रवाई हो पाती इसकी भनक लगते ही डॉक्टर दमोह से फरार हो गया!

इस मामले में शिकायतकर्ता दीपक तिवारी ने बताया कि मिशन अस्पताल में 4 माह के बीच में 15 से 20 ऑपरेशन फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव ने किए हैं जो खुद को डॉक्टर नरेंद्र जोन केम लंदन में पढ़ा हुआ कार्डियोलॉजिस्ट बताता था जबकि लंदन का डॉक्टर एंड जॉन कम डॉक्टर प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट है और उसने स्वयं इसका विरोध किया था जो सोशल मीडिया पर मौजूद उन्होंने बताया कि यह नरेंद्र जान के नामक व्यक्ति नरेंद्र यादव के नाम से पहचाना जाता है जबकि उसके आधार कार्ड में नरेंद्र जॉन कम लिखा है और देहरादून का रहने वाला बताया गया है इसके खिलाफ हैदराबाद में भी इसी तरह के मामले दर्ज हैं!मिशन अस्पताल में जिन 7 मरीजों की मौत होने की बात कही जा रही है इनमें से पांच का रिकॉर्ड सामने आया है इनमें रिटायर्ड टीआई इसराइल खान, बुधा अहिरवार, जसोदा रैकवार , मंगल सिंह ठाकुर और रहीसा बेगम के नाम सामने आए हैं सीएमएचओ की रिपोर्ट में पांच मौतें मानी गई है और पांचो मृतकों के परिजनों को आयोग के सामने सोमवार को पेश होने के लिए बुलाया गया था !


पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की मौत भी इसी डॉक्टर की लापरवाही से हुई थी

वही इस फर्जी डॉक्टर को लेकर एक नया खुलासा भी हुआ है आरोप है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की मौत भी इसी डॉक्टर की लापरवाही से हुई थी शुक्ला लंबे समय विधायक रहे और विधानसभा अध्यक्ष भी बने थे 20 अगस्त 2006 को उनकी तबीयत खराब होने पर होने पर अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था और ऑपरेशन के दौरान उनकी मौत हो गई थी यह ऑपरेशन भी इसी कथित फर्जी डॉक्टर नरेंद्र द्वारा किया गया था शुक्ला के बेटे प्रोफेसर प्रदीप शुक्ला ने बताया कि नरेंद्र 2 से 3 महीने के लिए अपोलो आया था इस दौरान 8 से 10 मरीजों की मौत हुई थी जब विवाद बाद तो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ वाय एस दुबे ने इसकी जांच भी कराई थी जांच में पाया गया था कि नरेंद्र के दस्तावेज फर्जी थे उसके पास केवल एमबीबीएस की डिग्री थी वह कार्डियोलॉजिस्ट नहीं था इस पर कोई कार्रवाई हो पाती उसके पहले ही नरेंद्र वहां से भाग गया था!
वही मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि नरेंद्र का असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है वह देहरादून का रहने वाला है दस्तवेजो मैं नाम नरेंद्र जोन केम लिखा है उसके पास 2006 में एमबीबीएस की डिग्री है जो आंध्र प्रदेश मेडिकल कॉलेज की बताई गई है उसका रजिस्ट्रेशन नंबर 123427 भी दर्ज पर इसके बाद जो तीन एमडी और कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्रियां दी गई है उनमें से किसी का रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं है यह डिग्रियां कोलकाता, दार्जिलिंग व यूके की बताई गई है! इस फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव के फर्जीवाडे की हर दिन नई-नई रूप में परते खुल रही है अब कहां जा रहा है कि फर्जी डॉक्टर नरेंद्र और नरेंद्र जान केम की एमबीबीएस की डिग्री ही फर्जी है वह डिग्री किसी महिला के नाम होना बताई जा रही है! इस मामले में कुछ मृतकों के और परिजन सामने आए हैं जिन्होंने इस मामले की जांच की मांग की है

सिविल वार्ड में रहने वाले रिटायर्ड टी आई इसराइल खान 74 वर्ष की मिशन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी उनके हार्ट का ऑपरेशन हुआ था ऑपरेशन के बाद उन्हें जो दवाएं दी गई उससे उनकी तबीयत बिगड़ गई और 17 जनवरी को उनका इंतकाल हो गया था उनकी बड़ी बेटी शबाना परविन ने बताया कि उन्होंने पिता को दो बार अस्पताल में भर्ती कराया था पिता को एक साथ आठ इंजेक्शनों का डोज दिया गया था इंजेक्शन लगने के बाद वे दोबारा उठ नहीं पाए उन्होंने बताया कि डॉक्टर जान एनकेएम उन्हें एक बार ही मिले उसके बाद सारी दवाई फोन पर लिखवाई जाती थी और बिल वसूला जाता था वहीं गणेशपुरम निवासी सत्येंद्र सिंह राठौर पिता हमीर सिंह राठौर उम्र 45 वर्ष सीमेंट फैक्ट्री में नौकरी करते थे उनकी तबीयत बिगड़ने पर बड़े भाई जितेंद्र राठौर सहित परिजन मिशन अस्पताल लेकर गए इलाज के कुछ दिन बाद ही सत्येंद्र सिंह की मौत हो गई परिवार में सत्येंद्र की पत्नी बेटी और बेटा है मौत की वजह अभी तक पता नहीं चली है उनका भी इलाज सारा इलाज डॉक्टर केम ने हीं किया था
वही शोभा नगर निवासी दसोदा रैकवार उम्र 52 साल की तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने 16 जनवरी को मिशन अस्पताल में भर्ती कराया था महिला के हार्ट में परेशानी थी इस बीच पता चला की नसो में ब्लॉकेज है इसलिए उन्हें रिंग डालने का सुझाव डॉक्टर ने दिया था उसी दिन शाम को रिंग डाला गया और शाम 6.30 बजे महिला की मौत हो गई परिजन समझ ही नहीं पाए कि आखिर रिंग डालने में कहां चूक हो गई अब जांच में इस मामले को भी शामिल किया गया है
वही हटा के पास बरतलाई निवासी बुद्धा अहिरवार उम्र 67 वर्ष को सीने में दर्द उठा तो परिजनों ने मिशन अस्पताल लेकर आए थे यहां पर 35000 की राशि काउंटर पर जमा कराई गई थी बाद में आयुष्मान कार्ड से ऑपरेशन हुआ लेकिन डॉक्टर ने 15 जनवरी को एक ऑपरेशन करने के बाद दोबारा ऑपरेशन करने के लिए बुलाया 25 जनवरी को बुद्धा का बेटा राजधार पिता को दोबारा ऑपरेशन करने के लिए मिशन अस्पताल लेकर पहुंचा डॉक्टर ने सुबह ऑपरेशन किया और शाम को 6:00 बजे उनकी मौत हो गई बेटे ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि पता कि ऑपरेशन कैसे हुआ और किसने किया!

अस्पताल जानता था फर्जी डॉक्टर का राज्य में पंजीयन नहीं, फिर भी 8 सर्जरी
मिशन अस्पताल में लंदन का कार्डियोलॉजिस्ट बनकर डॉ. एनकेम जॉन (नरेंद्र यादव) ने 7 नहीं, 8 मरीजों के दिल का ऑपरेशन किया। इसमें 7 की मौत हो गई। उत्तराखंड के नरेंद्र ने अपना पंजीयन तक स्टेट एमसीआइ में नहीं कराया। सब जानते हुए अस्पताल ने उन्हें एजेंसी के जरिए नौकरी पर रखा। 1 जनवरी से 12 फरवरी तक नरेंद्र सर्जरी करता रहा। मौतें होती रहीं, पंजीयन न होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन चुप्पी साधे रहा। मामला खुला तो रविवार को अस्पताल प्रबंधन सामने आया।

वही कलेक्टर ने इस मामले में साफ किया है की जांच चल रही है

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