
जबलपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) जबलपुर महानगर ने आज विजयनगर स्थित जॉय स्कूल का घेराव किया और स्कूल के संचालक अखिलेश मेंबन का पुतला जलाया। यह प्रदर्शन अखिलेश मेंबन द्वारा अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर भगवान श्री राम के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर किया गया था।
अखिलेश मेंबन ने बीते दिनों अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने भगवान श्री राम के बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। इस पोस्ट के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही समाज में भारी आक्रोश फैल गया और इसे लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
अभाविप के कार्यकर्ताओं ने जॉय स्कूल के बाहर जमकर नारेबाजी की और अखिलेश मेंबन का पुतला जलाया। उनका कहना था कि यह कृत्य हमारे आराध्य भगवान श्री राम और सनातन धर्म का घोर अपमान है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विद्यार्थी परिषद ने पुलिस प्रशासन से मांग की कि जॉय स्कूल की मान्यता जल्द से जल्द रद्द की जाए और इस तरह के अपमानजनक बयान देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
प्रदर्शन के दौरान प्रांत मंत्री माखन शर्मा, महानगर मंत्री ऐश्वर सोनकर, प्रांत सह मंत्री आर्यन पुंज, छात्रा प्रमुख अंचल मिश्रा, दिव्यांक पचौरी, तनीश पांडेय और अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
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ईसाई धर्मगुरु अभद्रता मामले में रांझी थाने में हंगामा
जबलपुर। गत 31 मार्च को रांझी थाना परिसर में ईसाई धर्मगुरुओं के साथ हुई अभद्रता के मामले में पुलिस ने करीब आधा दर्जन विश्व हिन्दू परिषद-बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर शुक्रवार की रात एफआईआर दर्ज कर ली है।
बताया जाता है कि पुलिस ने 31 मार्च वाले घटनाक्रम में कुछ महिला कार्यकर्ता पर भी एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर के विरोध शनिवार को फिर हिन्दू वादी संगठनों के कार्यकर्ता थाने पहुंचे. कुछ देर तो थाना कैंपस में ही कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहे, लेकिन जब बात बनती नजर नहीं आयी तो वे रांझी मुख्य मार्ग पर उतर आए। उन्होंने ने रास्ते बंद करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी।
उल्लेखनीय है कि 31 मार्च को मंडला से आए कुछ लोगों को लेकर विश्व हिन्दू परिषद कार्यकर्ता रांझी थाना पहुंचे थे। उनका आरोप था कि उक्त ग्रामीणों को धर्मांतरण के लिए जबलपुर लाया गया था। इसी घटनाक्रम के कुछ घंटों बाद ईसाई समाज के धर्मगुरु रांझी थाना पहुंचे थे। जिन्हें थाने में देख हिन्दू वादी संगठन के कार्यकर्ता उनका विरोध करने लगे। अगले दिन मतलब 1 अप्रैल को यह बात सामने आई कि थाने पहुंचे धर्म गुरुओं के साथ अभद्रता की गई थी। इस बात की शिकायत लेकर ईसाई समुदाय के लोग पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने ने सबूत के तौर पर सोशल मीडिया में वायरल वीडियो भी पेश किए थे। उन्होंने ने मांग की थी कि रांझी थाना कैंपस में मारपीट करने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाए। जिसके बाद शुक्रवार को पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली।