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एनडीडीबी और एमपीसीडीएफ के मध्य हुआ एमओयू, सीएम डॉ. मोहन बोले
भोपाल । राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और मध्य प्रदेश सरकार के बीच रूश पर साइन हुआ। प्रदेश में 5500 से अधिक समितियां बनाई जाएगी। दूध बिक्री को बढ़ाया जाएगा। वहीं सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मेरे खुद के घर की आय भी दुग्ध उत्पादन है। 14 अप्रैल डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर कामधेनु पशुपालन योजना लॉन्च कर रह है। पशुपालन के लिए हम अनुदान देंगे। कृषि विकास दर पर हमारी अलग पहचान बनी है। अभी 9 प्रतिशत दुग्ध उत्पादन है, इसे 20 प्रतिशत तक हमें करना है। गाय के दूध के मामले में लोग दूध नहीं खरीदते सिर्फ फैट वाला दूध खरीदते थे, तो गौपालन कैसा बढ़ेगा। सरकार अब डंके की चोट पर गाय का दूध खरीदेगी।
रविवार को राजधानी भोपाल में राज्य स्तरीय सहकारी सम्मलेन का आयोजन किया गया। जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और सीएम डॉ मोहन यादव भी शामिल हुए। जहां सी.पी.पी.पी के तहत मेजेस्टिक ग्रुप मंडीदीप ओर पैक्स घाट पिपरिया के साथ पूसा बासमती धान प्रोक्योरमेंट का रूश साइन हुआ। पैक्स व्यवसाय के लिए स्वीकृत ऋण पत्र दिए गए। किसान क्रेडिट कार्ड का भी वितरण किया गया। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मंडल द्वारा पैक्स मेहड़वानी को कोदो कुटकी प्लांट के लिए 60 लाख का ऋण वितरण किया गया। राष्ट्रीय सरकारी विकास निगम द्वारा पैक्स गोगांव को सुपर मार्केट के लिए 120 लाख रुपये का प्रोजेक्ट ऋण दिया गया है। इस अनुबंध को लेकर एनडीडीबी के चेयरमैन निमेष शाह ने कहा कि दुग्ध महासंघ के कुशल संचालन की जिम्मेदारी एनडीडीबी को दी जा रही है। मध्य प्रदेश दुग्ध उत्पादक महासंघ और एनडीडीबी के बीच एक अनुबंध हो रहा है। दुग्ध सहकारी समितियों के गठन के जरिए क्षेत्र का विस्तार करना, किसानों को इक_ा कर उन्हें प्रशिक्षित करना, दुग्ध संग्रहण प्रसंस्करण में विभिन्न तरह के उपाय किए जाएंगे। उपलब्ध इन्फ्रास्ट्रक्चर का अच्छे से इस्तेमाल करेंगे और पूरी चेन को डिजिटाइज करेंगे।
जैविक खेती को देंगे बढ़ावा
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के श्वेत क्रांति 2.0 के लिए मध्य प्रदेश बहुत महत्वपूर्ण राज्य है, जिसके माध्यम से सहकारिता के क्षेत्र में रोजगार सृजन और महिला सशक्तिकरण किया जाना है। इस योजना के तहत हमने कुछ लक्ष्य तय किए हैं, जिनमें सहकारी संस्थाओं द्वारा दूध संकलन 12 लाख से 24 लाख तक ले जाएंगे। राज्य में संस्थाओं के डेयरी प्लांट की क्षमता को 18 से 30 लाख तक बढ़ाएंगे। पशु प्रजनन पोषण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्पादकता में वृद्धि करेंगे। बायोगैस और गोबर प्रबंधन और जैविक खेती को बढ़ावा देंगे।

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