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नई दिल्‍ली। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानी समर्थकों के मोहपांस में बंध गए हैं। उन्हे लगता है कि इन समर्थकों की दम पर उनकी राजनीति चमकती रहेगी। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। वजह ये है कि वहां बड़ी संख्या सांसद ट्रूडो के विरोध में खड़े हो गए हैं। खालिस्‍तान प्रेम में भले ही जस्टिन ट्रूडो को कनाडा में सिख राजनीति चमकाने में कामयाबी दिख रही हो, लेकिन वो यह भूल गए कि ऐसा करने के लिए उन्‍होंने दो देशों के बीच अंतरराष्‍ट्रीय संबंधों को ताक पर लगा दिया है। ऐसे में वो अब कनाडा की बहुसंख्‍यक आबादी की आंख का रोडा बनने लगे हैं। अपने ही सांसद ट्रूडो से सवाल पूछ रहे हैं कि बिना ठोस सबूत के वो बार-बार हरदीप सिंह निज्‍जर हत्‍याकांड में भारत को क्‍यों मोहरा बना रहे हैं। कनाडा के इस गंदे खेल में भारत में खालिस्‍तान आतंकवाद और ऑर्गेनाइज्‍ड क्राइम भी तेजी से पनपने लगा है।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर बार-बार भारत को लेकर जस्टिन ट्रूडो ये यूटर्न वाली राजनीति क्‍यों कर रहे हैं। इसकी वजह है कनाडा में सिखों का वर्चस्‍व और ट्रूडो की गठबंधन सरकार। दुनिया के दूसरे हिस्सों से आने वाले ज़्यादातर अप्रवासियों की तुलना में सिखों के पास कनाडा में ज़्यादा ताकत है। कनाडा में सिखों की आबादी पिछले 20 सालों में करीब दोगुनी हो गई है। खालिस्‍तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्‍जर की मौत के बाद उपजा भारत-कनाडा विवाद इस वक्‍त एक बार फिर अपने चरम पर है। साल 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर निज्‍जर की मौत का इल्‍जाम लगाते हुए बड़े विवाद को जन्‍म दिया था। इसके बाद ट्रूडो कितनी बार पलटी मार चुके हैं, शायद यह बात को खुद उन्‍हें भी नहीं पता होगी। एक तरफ वो अपने उल-जलूल आरोपों के बाद भारत के एक्‍शन पर बिलबिलाते नजर आते हैं और दूसरे ही पल वो भारत को कनाडा का अहम साझेदार देश बताने से भी नहीं चूकते। अब सवाल यह है कि खालिस्‍तान प्रेम में चूर जस्टिन ट्रूडो क्‍यों भारत-कनाडा संबधों की कब्र खोदने में लगे हुए हैं।
हद तो तब हो गई जब एक साल पहले भारत पर निज्‍जर की हत्‍या का आरोप लगाने के बाद अब ट्रूडो ने इस मर्डर केस की जांच के दायरे में कनाडा में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को भी जोड़ दिया। इसके बाद वो अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों को भारत के खिलाफ लामबंद करने में लग गए। अमेरिका और ब्रिटेन की तरफ से भी भारत को यह नसीहत दे दी गई कि वो कनाडा की जांच में सहयोग करे। फिर एक बड़ी पलटी मारते हुए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को यह कहकर हर किसी को चौंका दिया कि हरदीप सिंह निज्‍जर की हत्‍या के मामले में भारत की भूमिका के संबंध में कोई सबूत नहीं सौंपे गए हैं। केवल कनाडाई खुफिया एजेंसी के इनपुट की कोरी जानकारी भारत को दी गई है, जिसमें इस हत्‍या में भारत के एजेंट का हाथ होने की बात सामने आई है।

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