चार सप्ताह में जवाब के निर्देश, मामला पार्षद के फर्जी जाति प्रमाण पत्र का
इन्दौर। उच्च न्यायालय खंडपीठ इन्दौर में न्यायमूर्ति दुपल्ला वेंकट रमणा की सिंगल बेंच ने प्रमुख सचिव अजित केसरी, कमिश्नर पिछड़ा वर्ग आयोग सौरभ कुमार, सचिव डॉ. निलेश देसाई, छानबीन समिति के घनश्याम धनगर, वार्ड क्रमांक 65 से पार्षद भाजपा के कमलेश कालरा को न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए है। मामला पार्षद कालरा द्वारा निगम चुनाव में आरक्षित वार्ड से फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगा चुनाव लड़कर जीतने का है। जिसके खिलाफ वार्ड 65 से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सुनील यादव ने याचिका दायर कि थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनीष यादव व अधिवक्ता करण बैरागी ने पैरवी की। अधिवक्ताद्वय के अनुसार अवमानना नोटिस पार्षद के जाति प्रमाण पत्र की जांच के हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर जारी किया गया है।याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताते हुए तर्क रखे कि पूर्व में माननीय सक्षम न्यायालय द्वारा 6 माह में पार्षद कालरा के जाति प्रमाण पत्र की जांच के आदेश दिए थे। छह माह होने के बाद भी जांच में जानबूझकर विलंब किया जा रहा है। पार्षद पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र से पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित वार्ड से चुनाव लड़कर जीतने की शिकायत भी दर्ज है। जिसमें भी जांच छानबीन समिति ने लंबे समय से अटका रखी है। सारे तथ्य आने के बाद भी निर्णय नहीं कर रही। हाई कोर्ट ने फरवरी 2024 में समिति को आवश्यक रूप से 6 माह में जांच पूर्ण करने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मामले में जानबूझकर सत्ता पक्ष के दबाव में निर्णय नहीं किया जा रहा है जो न्यायालय के आदेश की अवमानना है। अधिवक्ता मनीष यादव व करण बैरागी के तकों से सहमत होकर सक्षम न्यायालय ने प्रमुख सचिव अजित केसरी, कमिश्नर पिछड़ा वर्ग आयोग सौरभ कुमार, सचिव डॉ. निलेश देसाई, छानबीन समिति के घनश्याम धनगर, भाजपा पार्षद कमलेश कालरा को न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए है।