रेलवे ट्रैक पर हादसे में श्रमिक की मौत का मामला
जबलपुर। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने शहडोल निवासी रेलवे के जूनियर इंजीनियर पंकज तिवारी के विरुद्ध एफआईआर व चार्जशीट निरस्त करने का आदेश पारित कर दिया। उसके विरुद्ध रेलवे ट्रेक पर हुए हादसे में राहुल दुबे नामक श्रमिक की मृत्यु को लेकर पुलिस थाना ब्यौहारी में अपराध पंजीबद्ध किया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अशोक कुमार तिवारी ने दलील दी कि 20 जून, 2020 को चार ट्रैक मशीनें रेलवे ट्रैक पर काम कर रही थीं। छिटैनी रेलवे स्टेशन से ब्यौहारी स्टेशन तक काम पूरा होने के बाद बीच रास्ते में एक मशीन से दूसरी मशीन को टक्कर मार दी। इस वजह से श्रमिक राहुल को गंभीर चोट आई। अंतत: उसकी मृत्यु हो गई। इसीलिए याचिकाकर्ता सहित छह रेलवे कर्मियों को आरोपित बना लिया गया। चूंकि याचिकाकर्ता मशीन नहीं चला रहा था, अत: हादसे को लेकर दर्ज एफआइआर में उसका नाम बेमानी है। दरअसल, इसीलिए विभागीय स्तर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया में भी वह दोषमुक्त हो चुका है।
आदिवासी को कुचलकर मारने के आरोपित को नहीं मिली जमानत ……..
जबलपुर। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी के आदिवासी युवक इंद्रपाल अगरिया को ट्रेक्टर से कुचलकर हत्या करने के आरोपित आशीष कुमार की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। मृतक के स्वजनों की ओर से आपत्ति प्रस्तुत की गई। आपत्तिकर्ताओं के वकील संतोष आनंद ने जमानत अर्जी निरस्त करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर प्रकृति का है। विगत सितंबर माह में नदी से अवैध रेत खनन और परिवहन का विरोध करने पर राजनीति रसूख रखने वाले दबंगों ने ग्राम गनई, सिंगरौली निवासी आदिवासी युवक से मारपीट की थी। यही नहीं उसे ट्रेक्टर से कुचलकर मौत की नींद तक सुला दिया। दरअसल, अवैध रेत खनन व परिवहन वाले ट्रेक्टर के ड्राइवर के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। खनन व परिवहन का परमिट भी नदारद था। इसीलिए आदिवासी युवक ने विरोध किया। इससे आवेदक सहित अन्य दबंग उसकी जान के प्यासे हो गए।
डीईओ पन्ना को अवमानना नोटिस..
जबलपुर। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने पूर्व आदेश के बावजूद प्रभारी प्राचार्य का दायित्व न सौंपे जाने के रवैये पर जिला शिक्षा अधिकारी रवि प्रकाश खरे को अवमानना नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांग लिया है।
अवमानना याचिकाकर्ता ग्राम चौकी पोस्ट सैटेनिया तहसील गुन्नौर जिला पन्ना निवासी रामप्यारे प्रजापति की ओर से अधिवक्ता शंकर प्रसाद सिंह व पद्मावती जायसवाल ने पक्ष रखा। उन्हाेंने दलील दी कि याचिकाकर्ता को आयुक्त लोक शिक्षण के आदेश के परिप्रेक्ष्य में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बराछ, विकासखंड पन्ना में प्रभारी प्राचार्य के दायित्व निर्वहन के लिए आदेशित किया था। जबकि जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश के जरिए उषा सुनकर उच्च माध्यमिक शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य शासकीय उच्च महाविद्यालय बराछ विकासखंड पन्ना जिला पन्ना के प्रभारी प्राचार्य का दायित्व निर्वहन करने हेतु आदेशित किया गया था। याचिकाकर्ता इस आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट चला आया था। हाई कोर्ट ने जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश को निरस्त कर दिया था। साथ ही याचिकाकर्ता को प्रभारी देने का आदेश सुनाया था। इसके बावजूद याचिकाकर्ता को प्रभार नहीं सौंपा गया। इसीलिए अवमानना याचिका दायर की गई।