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राष्ट्रपति पैलेस पर हुआ लोगों का अधिकारी
दमिश्क । इस्लामिक विद्रोहियों ने सीरिया में बशर अल-असद की सत्ता को उखाड़ फेंका। सीरियाई लोगों के लिए यह एक युग का अंत था, जो पांच दशक से ज्यादा समय से असद परिवार के शासन के साथ चल रहा था। जैसे ही लोगों को असद के जाने की खबर मिली, राजधानी दमिश्क की सड़कों पर लोगों ने भी जश्न मनाना शुरू कर दिया। सड़कों पर जमा लोग राष्ट्रपति पैलेस की तरफ बढ़ने लगे और थोड़ी ही देर में असद का लग्जरी ठिकाना रही इस जगह पर आम लोगों का कब्जा हो चुका था।
राष्ट्रपति पैलेस से सामने आईं तस्वीरें ने फिर दिखा दिया कि अगर लंबे समय तक राज करने वाले शासकों ने जनता के मन को पढ़ने में देर की, तब उसका यही हाल होना है। इसके पहले श्रीलंका में हुए जनविद्रोह और बांग्लादेश में हुए छात्र आंदोलन के बाद इन देशों में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला था। इन देशों में भी कभी मजबूत पकड़ रखने वाले शासकों के आवास पर जनता का कब्जा हो गया था।
जनवरी 2022 में श्रीलंका में जनता ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ सड़कों पर उतर आई थी। तब हजारों लोग सड़कों पर उतरकर राष्ट्रपति भवन की तरफ बढ़ने लगे। लोगों का गुस्सा देखकर राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा। कभी श्रीलंका में बेहद ताकतवर राजपक्षे परिवार के लिए यह शर्मिंदगी भरा क्षण था। गोटाबाया के देश छोड़ने की खबर सुनते ही लोग राष्ट्रपति भवन में घुस गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी थी। इसकी तस्वीरें खूब वायरल हुई थीं।
वहीं जुलाई 2024 में बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ छात्रों ने देश में जारी भारी आरक्षण के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग के बाद आंदोलन भड़क उठा और 5 अगस्त को शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। ढाका में शेख हसीना के जाने की खबर सुनते ही प्रदर्शनकारी उनके सरकारी आवास में घुस गए। प्रदर्शनकारियों ने जमकर लूटपाट की। अंदर रखे सामान को प्रदर्शनकारियों को सर पर लादकर ले जाने की तस्वीरें पूरी दुनिया में वायरल हुई थीं।

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