
49 लाख की जांच में 31 लाख की अनियमितता
भोपाल । मऊगंज जनपद अध्यक्ष नीलम सिंह परिहार, उपाध्यक्ष राजेश पटेल और सदस्य शेख मुख्तार की गंभीर शिकायतों के बाद जनपद पंचायत मऊगंज में वित्तीय अनियमितताओं का बड़ा खेल उजागर हुआ है। शिकायत में 49 लाख 37 हजार रुपये से अधिक के संदिग्ध भुगतान का आरोप लगाया गया था। जिला पंचायत के निर्देश पर गठित जांच समिति ने 25 सितंबर 2025 को अपना प्रतिवेदन जिला पंचायत रीवा को सौंप दिया, जिसमें 31,18,833 रुपये की वित्तीय अनियमितता प्रमाणित हुई है।
जांच में स्पष्ट हुआ कि समस्त भुगतान जनपद निधि से बिना सामान्य सभा और प्रशासनिक समिति की अनुमति के किया गया था। इसके साथ ही मध्य प्रदेश भंडार क्रय सेवा उपार्जन नियम 2015 (संशोधित 2022) के नियम 9 और 10 का पालन नहीं किया गया।
जल-गंगा कार्यक्रम में सबसे बड़ा खेल
जांच प्रतिवेदन ने जलगंगा संवर्धन अभियान में हुए भारी घोटाले का खुलासा किया है। जिसमें मंजूरी सिर्फ 43,855 रु थी। लेकिन भुगतान 12,71,182 का कर दिया गया है। इस 40 मिनट के कार्यक्रम में मात्र टेंट, लाइट और स्वल्पाहार की व्यवस्था थी, फिर भी लाखों का भुगतान कर दिया गया। इससे भी बड़ा खुलासा यह हुआ है कि जिस प्रदीप इंटरप्राइजेज को भुगतान दिया गया, वह निविदा प्रक्रिया में शामिल ही नहीं था। कलेक्टर मऊगंज ने एबी खरे का निलंबन प्रस्ताव महीनों पहले कमिश्नर रीवा संभाग को भेज दिया था। लेकिन जांच प्रतिवेदन में दोषी पाए जाने के बाद भी उनके निलंबन की फाइल आज भी कमिश्नर कार्यालय में धूल खा रही है। जनपद में दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज हुई थीं, जिसमें पहली शिकायत 49,37,217 रुपये की थी और दूसरी 21 लाख रुपए से ज्यादा की थी। यानी कुल मिलाकर लगभग 70 लाख रुपये का मामला था। लेकिन जांच सिर्फ पहली शिकायत तक सीमित रखी गई। जिसमें 31.18 लाख की अनियमितता सामने आई।
