
तीन साल से था फरार : चार जिलों के कई थाानों में दर्ज हैं मामले
जबलपुर । आर्थिक धोखाधड़ी और अवैध कारोबारी गतिविधियों में लिप्त डेढ़ लाख रुपए के इनामी आरोपी अमित खपरिया को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया। करीब तीन वर्षों से फरार चल रहे इस शातिर आरोपी को महाराष्ट्र में दबिश देकर पकड़ा गया है। आरोपी के खिलाफ जबलपुर सहित चार जिलों के कई थानों में गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज थे, जिनमें आर्थिक ठगी, अवैध कंपनी संचालन और धमकी जैसे मामले शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, अमित खपरिया लगातार अपनी पहचान बदलकर दूसरे राज्यों में सक्रिय था। पुलिस उसकी मूवमेंट पर लगातार नजर रखे हुए थी। तकनीकी सर्विलांस, मोबाइल लोकेशन और खुफिया तंत्र की मदद से उसकी गतिविधियों को ट्रैक किया गया, जिसके बाद पुलिस टीम ने योजना बनाकर ऑपरेशन चलाया और उसे गिरफ्तार कर लिया। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अवैध कंपनी और नेटवर्क को वह किस जगह से संचालित कर रहा था, किन लोगों की इसमें मिलीभगत थी और फरारी के दौरान उसने किन साधनों का इस्तेमाल किया?
प्राप्त जानकारी के अनुसार अमानत में खयानत, बलवा सहित कोर्ट से फर्जीवाड़ा करने के जैसे अनेक गंभीर मामलों में लंबे समय से फरार चिटिंगबाजअमित खम्परिया को क्राइम ब्रांच की टीम ने घेराबंदी करते हुए गिरफतार किया है। गिरफ्तार आरोपी का मेडिकल में मुलाहजा कराया गया है। संजीवनी थाना में दर्ज प्रकरण में संभवत: पुलिस अमित खम्परिया को न्यायालय मे पेश कर लंबित प्रकरणों की विवेचना पूछताछ के लिए रिमांड आवेदन प्रस्तुत करेगी। अमित खम्परियों के विरूद्ध जबलपुर सहित मंडला, कटनी और उमरिया जिला में प्रकरण दर्ज हैं। कई मामलों में लंबे समय से फरार चल रहे अमित खम्परिया पर गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित किया गया था। टोल नाका कारोबार में पार्टनर बनाने का अनुबंध करते हुए कई लोगों से चिटिंगबाजी करने वाले अमित खम्परिया के विरूद्ध संजीवनी नगर थाना में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज हुई थी। शिकायत की प्राथमिक जांच, बैंक स्टेटमेंट एवं दिल्ली एनएचएआई की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने अमित खम्परिया, उसके मैनेजर अमित दिृवेदी तथा गन मैन के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 409, 386, 506,120बी के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था।
जानकारी के मुताबिक अमित खंपरिया द्वारा जबलपुर टोल प्लाजा के नाम से कंपनी चला कर उत्तरप्रदेश के बेलोन टोला प्लाजा का ठेका में पार्टनर बनाने का झांसा देते हुए बुलंदशहर निवासी धनेंद्र सिंह राघव और सचिन गुप्ता स लंबी े रकम ऐंठ ली थी। बाद में राघव और सचिन गुप्ता ने शिकायत में पुलिस को बताया था कि पार्टनरशिप में लिए हुए टोल की अवधि समाप्त होने पर सिक्योरिटी राशि और उसका मुनाफा मांगने पर ो अमित खम्परिया ने टोल में बहुत पेनाल्टी लगने की बात कर कहा कि आप लोगों के रुपए तभी वापस होंगे जब आप दूसरी बार भी टोल का संचालन हमारे साथ करोगे। इस पर दोनों ने आरटीजीएस के माध्यम से अमित खम्परिया के बैंक ऑफ महाराष्ट्र के खाते में कुल रकम 1 करोड़ 21 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे। बाद में टोलाप्लाजा का काम न मिलने पर दोनों युवकों ने दी हुई रकम वापस मांगी तो खंपरिया और उसके गुर्गों ं ने कह दिया कि तुम लोगों की सारी रकम पेनाल्टी में डूब गई है, अब रुपए वापस नहीं मिलेंगे।
खंपरिया पर दर्ज हैं चार जिलों में 14 प्रकरण :
ईनामी फरार चिटलर अमित खम्परिया पर चार अलग अलग थानों में कुल 14 मामले विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज हैं। यहां शहर के थाना मदनमहल में धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत सहित अन्य धाराओं में , थाना भेड़ाघाट में बलवा, हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में ,थाना गढा में मारपीट, धमकी देने सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं। इसके अलावा थाना लार्डगंज में महामारी अधिनियम और फर्जी दस्तावेज तैयार करने सहित साजिश रचने का प्रकरण दर्ज है तो वहीं जिला कटनी के थाना विजयराघवगढ में चोरी, साजिश रचने और अवैध खनन का प्रकरण दर्ज है। इसी तरह जिला उमरिया के थाना मानपुर में मारपीट धमकी के 2 और कोतवाली में हत्या, हत्या के प्रयास, साजिश रचने का प्रकरण दर्ज है जबकि जिला मंडला के थाना खटिया में धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा के 2 अपराध दर्ज हैं। इन उोनों मामलों में खंपरिया को 5-5 साल की सजा हो चुकी है। इस प्रकरण म उसने अपनेें पिता, मौसा व रिश्तेदार को बचाने अदालत में फर्जी लोगों को पेश कर जेल भिजवाया था। बाद में मामला प्रकाश में आया और फिर अदालत से खंपरिया को सजा हुई।
